Wednesday, 1 May 2019

Introduction to Open Systems Interconnection (OSI) Model

OSI model को ISO (International Organization for Standardization) ने 1984 में डेवलप किया था।
ये एक reference model है, यानि इसका real life में कोई यूज़ नहीं होता है। Real life में आप इसी के base पर बना हुआ TCP/IP (Transmission control protocol/ Internet Protocol ) model यूज़ करते है।
OSI model को data की journey को समझने के लिए बनाया गया है। OSI model के माध्यम से आप समझ सकते है की data कैसे एक network से दूसरे network में जाता है। और इस दौरान डेटा के साथ क्या क्या processing होती है।
OSI model 7 layers से मिलकर बना होता है। ये सभी layers डेटा के साथ कुछ ना कुछ processing करती है। और जब data दूसरी तरफ उसी layer में पहुँचता है तो ये processing डेटा से हट जाती है। हर layer पर data को अलग अलग नामों से जाना जाता है।
osi-model-in-hindi
osi-model-mnemonic-in-hindi
ये layers दोनों तरफ होती है sender की तरफ भी और receiver की तरफ भी। और ये layers descending order में होती है यानि आखिरी layer सबसे ऊपर आती है और पहली layer सबसे निचे आती है। आइये इन layers के बारे में जानने का प्रयास करते है।
layers-of-osi-model-in-hindi-2

Layers of OSI Model 

Application Layer

Application layer यूज़र की एप्लीकेशन और नेटवर्क के बीच इंटरफ़ेस प्रोवाइड करती है। जैसे की एक वेब ब्राउज़र (Internet explorer, Mozilla firefox, chrome) या कोई ईमेल क्लाइंट (Outlook, Thunderbird) आदि।
ये सभी applications आपको network पर काम करने के लिए इंटरफ़ेस provide करती है। यूज़र की application एप्लीकेशन लेयर में नहीं होती है बल्कि protocol होता है जो यूज़र के operations को control करता है।
यूज़र एप्लीकेशन से interact करता है और application network से interact करती है। जैसे की कोई web address open करना। Application layer पर बहुत से protocol यूज़ किये जाते है जिनमे से कुछ निचे दिए जा रहे है।
  • HTTP (Hyper text transfer protocol) 
  • FTP (File Transfer Protocol)
  • POP 3 (Post Office Protocol)
  • SMTP (Simple mail transfer protocol)
  • Telnet 
ये सभी protocols network से interact करने के लिए यूज़ किये जाते है। Application layer कुछ tasks perform करती है जो नीचे दिए जा रहे है।
  1. Communicate करने वाले partners को application layer पहचानती है। 
  2. Data की availability का track रखना। 
  3. Communication को synchronize करना। 
  4. Basic email सर्विस प्रोवाइड करना। 
  5. File transfer शुरू करना। 

Presentation Layer

Presentation layer OSI model की 6th layer होती है। ये layer data के presentation के लिए responsible होती है। ये layer ये verify करती है की जो data sender भेज रहा है वो receiver side के समझ में आये। इसके लिए दोनों receiver और sender कुछ data standards follow करते है।

Data standards

  • Text – RTF, ASCII
  • Images – JPG, GIF
  • Audio – MP3, WAV
  • Movies – AVI, MPEG
ये कुछ common data standards है जिन पर दोनों side agree करती है। उदाहरण के लिए यदि sender कोई image भेज रहा है तो वह JPG format में होनी चाहिए ताकि receiver उसे देख सके।
ये layer data की formatting करती है। इस layer से data सीधा application layer पर जाता है, जँहा वो यूज़र को show होता है। इसलिए ये सारी जिम्मेदारी presentation layer की होती है की data यूज़र को कैसे present होगा।
यदि sender और receiver एक ही format को support नहीं करते है तो presentation layer translation और conversion की services भी प्रोवाइड करती है। Presentation layer के कुछ functions नीचे दिए जा रहे है।
  • Raw data को translate करती है। 
  • उसे encrypt करती है। 
  • और उस data को compress करती है।

Session Layer 

Session layer OSI model की 5th layer है। ये layer sender और receiver के बीच session establish करती है, उस session को जब तक maintain करती है जब तक की data transfer ना हो जाये और data transfer होने के बाद उस session को terminate करती है।  
यदि कोई session बीच में break हो जाये तो इस layer में उसे recover करने की ability होती है। ये layer data synchronization के लिए भी responsible होती है।
  • Session establish करती है। 
  • उसे maintain करती है। 
  • और terminate करती है।    

Transport Layer 

Transport layer OSI model की 4th layer होती है। ये layer data के reliable transfer के लिए responsible होती है। Data order में और error free पहुंचे ये इसी layer की जिम्मेदारी होती है। Transport layer 2 तरह से communicate करती है connectionless और connection oriented।
Connectionless communication के लिए UDP और connection oriented के लिए TCP/IP protocols यूज़ किये जाते है। Connectionless communication fast होता है लेकिन ये डेटा के error free होने और सही ढंग से पहुचने की guarantee नहीं देता है।
Connection oriented communication data के error free होने और ढंग से पहुचने की guarantee देता है। ये communication कुछ services प्रोवाइड करता है –
  • Segmentation – Data को भेजने से पहले छोटे छोटे segments में convert किया जाता है। 
  • Sequencing – हर segment को एक sequence number दिया जाता है। 
  • Connection establishment –  Data को भेजने से पहले sender और receiver के बीच connection establish किया जाता है। 
  • Acknowledgment – जब segment पहुचता है तो उसका acknowledgment आता है की इतने number का segment आ चूका है उसे दुबारा भेजने की जरुरत नही है। 
  • Flow control  – Data की transfer rate को confirm किया जाता है। 

Network Layer

यह layer OSI model की 3rd layer होती है। ये layer network communication के लिए responsible होती है। Network layer में data packets में convert हो जाता है। Network layer के 2 प्रमुख काम होते है जो नीचे दिए जा रहे है।
  • Logical addressing – Network layer डेटा को network में travel करने के लिए IP address provide करती है ये IP address डेटा को destination तक पहुचने के लिए responsible होती है। 
  • Routing – Data को एक network से दूसरे network में भेजना भी network layer की जिम्मेदारी होती है। 
Network layer पर IP (Internet Protocol) यूज़ किया जाता है।

Data Link Layer

Data link layer OSI model की 2nd layer है। ये layer network के अंदर data को transport करने के लिए responsible होती है। Data link layer की 2 sub layers होती है।
  • Logical link control – LLC sub-layer physical layer और बाकी ऊपर की layers के बीच में एक link establish करती है।  
  • Media access control – MAC sub layer physical medium के access को control करती है। 
Data link layer नेटवर्क लेयर के data को frames में पैक करती है।  Data link layer में डेटा frames में convert हो जाता है। ताकि data को किसी physical medium के through भेजा जा सके। ये process framing कहलाती है।
Frames source और destination devices के hardware address contain करते है। किसी network में host को uniquely identify करने के लिए hardware address यूज़ किया जाता है। सबसे common hardware address Ethernet का MAC address होता है।

Physical Layer 

Physical layer OSI model की 1st layer है। इस layer में data bits में convert हो जाता है।
इस layer के द्वारा डेटा physical mediums के द्वारा transfer किया जाता है जैसे की Cables आदि। ये पुरे OSI model की एक मात्र ऐसी layer है जो वास्तव में physically 2 के बीच communication establish करती है। Physical layer के devices में NIC cards और different cables आती है।
Physical layer के functions नीचे दिए जा रहे है।
  • Data rate  – ये layer data rate define करती है, जैसे की एक second में कितनी bits transfer होगी। 
  • Synchronization  – ये layer sender और receiver को bit level पर synchronize करती है। 
  • Signals  – ये layer bits को signals में convert करके भेजती है।                  

Thursday, 27 July 2017

cpct objective questions

  1. जब एक प्रिंटेड सर्किट बोर्ड पर कई इंटिग्रेटिड सर्किट लगाते है तो यह क्या कहलाती है।
a) रैम (RAM)
b) रॉम (ROM)
c) सिम
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : c) सिम

  1. मदरबोर्ड के जिस भाग मे इनपुट और आउटपुट कार्ड लगाते है, उसे क्या कहते है।
a) एक्सपेंसन स्लॉट
b) इनपुट स्लॉट
c) सॉकेट
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : a) एक्सपेंसन स्लॉट

  1. मदरबोर्ड मे जिस स्थान पर रैम (R M) को लगाते है वह क्या कहलाता है।
a) रैम (R M) स्टैंड
b) मेमोरी बैंक
c) रॉम (ROM) किट
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : b) मेमोरी  बैंक

  1. कम्प्यूटर का बेसिक इनपुट आउटपुट सिस्टम क्या कहलाता है।
a) BIOS
b) CPU
c) LU
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : a) BIOS

  1. BIOS के निम्नांकित कामो मे कौन सा असत्य है।
a) यह मदरबोर्ड के सभी सर्किटो का आपस मे संबंध बनाकर रखता है।
b) यह माइक्रो प्रोसेसर को काम करने का निर्देश देता है।
c) यह सॉफ्टवेअर कॉपी करता है।
d) दोनो सत्य है।

Correct Answer : c) यह सॉफ्टवेअर कॉपी करता है।

  1. कम्प्यूटर के ऑन होने से ले प्राम्प्ट या C प्राम्प्ट तक पहुँचने की प्रक्रिया क्या कहलाती है
a) वार्मिग
b) बूटिंग
c) रनिंग
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : b) बूटिंग

  1. जब कम्प्यूटर का मेन स्विच ऑफ करके ऑन किया जाता है तो यह क्या कहलाता है
a) कोल्ड बूटिंग
b) वार्म बूटिंग
c) दोनो
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : a) कोल्ड बूटिंग

  1. जब कम्प्यूटर को ब्जतस़ सज़क्मस की द्वारा ऑफ किया जाता है, यह क्या कहलाता है
a) कोल्ड बूटिंग
b) वार्म बूटिंग
c) दोनो
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : b) वार्म बूटिंग

  1. जो फाइले क्प्त् ब्वउउंदक के प्रयोग के द्वारा मॉनिटर पर नही दिखाई देती है क्या कहलती है
a) हिडेन फाइल
b) प्रोग्राम फाइल
c) बैड फाइल
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : a) हिडेन फाइल

  1. यूनिक्स क्या है
a) यह एक मल्टि यूजर, मल्टि टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है
b) यह स्कैनिंग प्रोग्राम है
c) यह प्रिटिंग सॉफ्टवेअर है
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : a) यह एक मल्टि यूजर, मल्टि टास्किंग ऑपरेटिंग सिस्टम है

  1. यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम की लैंग्वेज क्या है
a) ‘A’
b) ‘B’
c) ‘C’
d) ‘D’

Correct Answer : c) ‘C’

  1. यूनिक्स के निर्माण का श्रेय किसे जाता है
a) एटी एंड टी
b) इंटेल
c) बेल लैबोरेटरी
d) कोरल

Correct Answer : c) बेल लैबोरेटरी

  1. COBOL क्या है
a) कॉमन बिजनेस ओरिएंटेड लैंग्वेज
b) एक विशेष प्रकार का कम्प्यूटर
c) एक विशेष प्रकार का स्कैनर
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : a) कॉमन बिजनेस ओरिएंटेड लैंग्वेज

  1. COBOL प्रोग्राम कब विकसित हुआ
a) 1948 ई.
b) 1958 ई.
c) 1968 ई.
d) 1978 ई.

Correct Answer : c) 1968 ई.

  1. COBOL प्रोग्राम के निर्माण का श्रेय किसे जाता है
a) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
b) अमेरिकन नेशनल स्टैंडड्र्स इंस्टीट्यूट
c) बेल लैबोरेटरी
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : b) अमेरिकन नेशनल स्टैंडड्र्स इंस्टीट्यूट

  1. d BASE नामक सॉफ्टवेअर कब निर्मित हुआ था
a) 1965 ई.
b) 1975 ई.
c) 1980 ई.
d) 1985 ई.

Correct Answer : c) 1980 ई.

  1. d BASE नामक सॉफ्टवेअर का निर्माण किसने किया था
a) वेन रैटलिफ
b) पास्कल
c) नेपियर
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : a) वेन रैटलिफ

  1. स्क्रीन पर उभरने वाले मार्क या ब्लिप, जो पोजीशन दर्शाते है, क्या कहलाते है
a) कर्सर
b) मार्कर
c) ब्लिप
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : a) कर्सर

  1. BASIC लैंग्वेज का विकास कब हुआ था
a) 1961 ई.
b) 1964 ई.
c) 1971 ई.
d) 1971 ई.

Correct Answer : b) 1964 ई.


  1. BASIC लैंग्वेज का निर्माण किसने किया था
a) वैन रैटलिफ
b) प्रो जे. ई. कोमेनी और प्रो. पी. ई. कट्र्ज
c) बिल गेट्स
d) शब्बीर भाटिया

2DCA2 Subject Name : Internet and Web Page Designing

1.उपयोक्ता को मिला अनुमति प्राप्त क्षेत्र क्या कहलाता है।
a) लॉगइन / एकाउंट
b) लॉग आउट
c) पासवर्ड
d) यूजरनेम

Correct Answer : a) लॉगइन / एकाउंट

2.बॉड क्या है।
a) डाटा ट्रांसमिट करने की मोडम की क्षमता मापने की इकाई
b) डाटा स्टोर करने की मोडम की क्षमता मापने की इकाई
c) डाटा स्पेस मापने की इकाई
d) उपर्युक्त मे से कोई नही

Correct Answer : a) डाटा ट्रांसमिट करने की मोडम की क्षमता मापने की इकाई

3.आमतौर पर मोडम एक दूसरे से विद्युत स्पंदन के जरिए संवाद स्थापित करते है।     इन विद्युत स्पंदनो को क्या कहते है।
a) इलेक्ट्रिक पल्स
b) कैरियर सिग्नल
c) कैरियर साइन
d) इलैक्ट्रिक सिग्नल

Correct Answer : b) कैरियर सिग्नल

4.सिर्फ एक उपयोक्ता के लिए आरक्षित भू आधारित फोन लाइन क्या कहलाती है।
a) T लाइन
b) लीज्ड लाइन
c) माइक्रोवेव
d) उपर्युक्त मे से कोई नही

Correct Answer : b) लीज्ड लाइन

5.डिजिटल डाटा को एनालॉग मे और एनालॉग  को डिजिटल मे बदलने वाले उपकरण को क्या कहते है।
a) मोडम
b) वी सैट
c) कैलकुलेटर
d) रूटर

Correct Answer : a) मोडम

6.DNS का पूर्ण रूप क्या है।
a) डोमेन नेम सिस्टम
b) ड्राइविंग नेम सिस्टम
c) डोमेन नेविगेशन सिस्टम
d) उपर्युक्त मे से कोई नही

Correct Answer : a) डोमेन नेम सिस्टम

7.यूजर नेम क्या है।
a) लोगिंन के लिये इंटरनेट एकाउंटधारी का नाम
b) शॉपिंग के लिये कम्प्यूटरधारी का नाम
c) कम्प्यूटर का उपयोग करने वाले का नाम
d) उपर्युक्त मे से कोई नही

Correct Answer : a) लोगिंन के लिये इंटरनेट एकाउंटधारी का नाम

8.डोमेन नेम मे व्यावसायिक संगठनो के लिये किस संकेत का प्रयोग होता है।
a) .com
b) .net
c) .gov
d) .edu

Correct Answer : a) .com

9.डोमेन के नामकरण मे नेटवर्क संगठनो के लिये कौन सा संकेत प्रयुक्त होता है।
a) .com
b) .net
c) .gov
d) .edu

Correct Answer : b) .net

10.डोमेन के नामकरण मे सरकारी संस्थाओ के लिये किस संकेत का प्रयोग होता है।
a) .com
b) .net
c) .gov
d) .edu

Correct Answer : c) .gov

11.डोमेन नामकरण मे शैक्षणिक संस्थाओ के लिये किस संकेत का प्रयोग होता है।
a) .com
b) .net
c) .gov
d) .edu

Correct Answer : d) .edu

12.डोमेन के नामकरण मे अवर्गीकृत फौजी नेटवर्क के लिये कौन सा संकेत प्रयुक्त होता है।
a) .com
b) .mil
c) .gov
d) .edu

Correct Answer : b) .mil

13.डोमेन के नामकरण मे वैसी संस्थाओ के लिए किस संकेत का प्रयोग करते है, जो न ही व्यवसायिक संगठन और ना ही शैक्षणिक संस्थाओ की श्रेणी मे आते है।
a) .com
b) .org
c) .gov
d) .edu

Correct Answer : b) .org

14.डोमेन नामकरण के अंतर्गत संयुक्त राज्य अमेरिका का संकेत क्या है।
a) .ame
b) .usa
c) .us
d) .america

Correct Answer : c) .us

15.डोमेन नामकरण के अंतर्गत चीन का संकेत क्या है।
a) .china
b) .chn
c) .cn
d) .ci

Correct Answer : c) .cn

16.IP एड्रेस डॉट द्वारा अलग किए गए अंको के कितने सेट से निर्मित होते है।
a) दो
b) चार
c) छह
d) आठ

Correct Answer : b) चार

17.इंटरनेट एड्रेस किस रूप मे संयोजित होते है।
a) ऊपर से नीचे
b) नीचे से ऊपर
c) बाएं से दाएं
d) दाएं से बाएं

Correct Answer : c) बाएं से दाएं

18.डॉट द्वारा अलग किए गए अंको के हिस्से क्या कहलाते है।
a) ऑकटेक्ट
b) ट्रिपल
c) क्वाड्रा
d) सेप्टा

Correct Answer : a) ऑकटेक्ट

19.एक ऑकटेक्ट मे कितना बिट इनफार्मेशन होता है।
a) दो
b) चर
c) छह
d) आठ

Correct Answer : d) आठ

20.इंटरनेट एड्रेस कौन प्रदान करता है।
a) इंटरनेट सोसाइटी
b) इंटरनेट आर्किटेक्चर बोर्ड
c) टेलीफोन कंपनी
d) इनमे से कोई नही

Correct Answer : b) इंटरनेट आर्किटेक्चर बोर्ड

Tuesday, 18 July 2017

html basic tag

HTML-किसी HTML का पहला व अंतिम Tag  HTML ही होता है। इस Tag के बीच मे अन्य सभी Tag का उपयोग किया जाता है।
Syntex :-
<html/>
……………..
</html/>
2.Head Tag – यह टैग हमारी सभी Web File की सम्पूर्ण जानकारी रखता है। यह HTML टैग के बीच में लगाया जाता है। यहाँ अन्य टैग को भी रख सकते हैं।
Syntex :-
<html>
<head>
………………..
</head>
</html>
3. Title Tag-  यह  Tag Head के बाद लिखा जाता हैं। यह Web Page के Title को बताता है। यह Title के File पर दिखाई देता हैं।
Syntex :-
<html>
<head>
<title>
my page
</title>
</head>
</ html>
इससे हमारे Web Page का Title My page  दिखाई देगा। यदि Title नहीं दिया जाता है तो यह Untitiled या URL बताता है ।
4. Body Tag- Body Tag, Head Tag के पूरक के रूप में कार्य करता है। यह Tag किसी Web Page की संरचना में आने वाले प्रत्येक भाग को दर्शाता है। यह Head Tag के बाद में आता है Head Tag, Body Tag का एक अन्य भाग बनाता है।
Syntex :-
<html>
<head>
<title>
my first web page
</title>
< /head>
<body>
……………..
……………..
</body>
</html>
Tag Case Sensitive नहीं होते हैं, अर्थात हन्हें छोटे या बड़े किसी भी प्रकार के अक्षरों में लिख सकते हैं।

introduction to HTML



introduction to HTML 

HTML एक Hyper Text Markup Language है। इसे CSS (Cascading Style Sheet) और JavaScript के साथ web pages create करने के लिए यूज़ किया जाता है। HTML Berners lee के द्वारा 1991 में create की गयी थी। HTML World Wide Web Consortium द्वारा एक standard के रूप में manage की जाती है।

आइये सबसे पहले HTML का मतलब समझने का प्रयास करते है। HTML की full form Hyper Text Markup Language होती है। इनमें से हर word को नीचे detail से समझाया जा रहा है।

Hyper
Hyper का मतलब होता है की HTML sequence में नहीं काम करती है। जैसा की किसी programming language में होता है, एक statement के बाद अगला statement execute होगा। यदि कोई HTML file में link है और यूज़र उस पर press करता है तो वो execute हो जाती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है की उससे पहले कितने elements है और या वो सभी load हुए है या नहीं। ये भी जरुरी नहीं की किसी एक HTML file से पहले दूसरी HTML file execute नहीं हो सकती है। सभी HTML files independent होती है।