Thursday 13 July 2017

History of Internet

यह पेंटागन अमेरिका के रक्षा विभाग में आरम्भ हुआ था।  ARPA मतलब Advance Research project Agency नाम का Networking Project लॉन्च किया गया जो ऐसे नेटवर्क की तरह काम करता था जिस्समे युद्ध के परिदृश्य के बारे में सैनिक और वैज्ञानिक एक दूसरे को बिना किसी बाधा के गोपनीय सूचनाये भेज सके।  ARPANET कहलाने वाला यह Network सितम्बर 1969 में शुरू हुआ।  इसमें वैज्ञानिक और Academic  शोधकर्ताओं  आपस में जोड़ा।  जैसे - जैसे  शोधकर्ताओं को इलेक्ट्रॉनिक मेल के जरिये सूचनाये भेजने के फायदे पता चलते गए इसका प्रयोग बढ़ता गया और इस नेटवर्क ने लोकप्रियता हासिल कर ली।


इंटनेट का विस्तार Internet Structure 

1984 में  इस नेटवर्क से 1000 से ज्यादा निजी कंप्यूटर जुड़ चुके थे।  आज इंटरनेट ने लाखो करोड़ों  कंप्यूटर को आकर्षित कर खुद से जोड़ा है।  धीरे - धीरे दूसरे क्षेत्र के शोधकर्ताओं और विद्वानो ने इसका प्रयोग शुरू किया।  1986 में National Science Foundation ने  अपने पांच Super computers सेंटरों के विशाल नेटवर्क को जोड़ा।  
जिसको NSFnet कहा गया।  जटिल नेटवर्कों का या विलय इंटरनेट के रूप में जाना गया।  
1995 तक NFSnet  इंटरनेट पर बड़ी मात्र में Communication Activity अथवा Traffic को संभालता रहा।  1995 में उसने अपने नेटवर्क को इंटरनेट से अलग कर दिया।  और पुराने स्टेटस रिसर्च नेटवर्क पर लौट आया। बाद में नेट ट्रैफिक विभिन्न निगमों, व्यावसायिक फर्मों और अन्य कम्पनियो ने संभाला जो नेटवर्क उपलब्ध कराते है।  ये नेटवर्क टेलीफोन कम्पनियो, केबल और सेटेलाइट कम्पनियो के साथ और इंटरनेट के अंदुरिनी स्ट्रक्टर में सरकारी मदद से आगे बढ़ा। 
 
भारत में इंटरनेट का आगमन 
आज भारत में इंटरनेट जाना पहचाना नाम है, लेकिन भारत में इंटरनेट सेवा 15 अगस्त 1995 में तब आरंभ हुई जब विदेश संचार निगम लिमिटेड ने अपनी टेलीफोन लाइन के जरिए दुनिया के अन्य कंप्यूटर से भारतीय  कंप्यूटरों को जोड़ दिया।

जनसामान्य के लिए इंटरनेट विदेश संचार निगम सीमित (VSNL) के गेटवे सर्विस के साथ ही आरंभ हुआ। सन् 1998 में सरकार ने निजी कंपनियों को .इंटरनेट सेवा क्षेत्र में आने की अनुमति दे दी।

इसी साल देश की पहली साइट इंडिया वर्ल्ड डॉट कॉम आरंभ हुई। रेडिफ डॉट कॉम और इंडिया टाइम्स डॉट कॉम भी आरंभ हुई।  

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